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वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा पहली बार किसानों के हितों का ध्यान रखने वाला फैसला

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  मैं वर्तमान मोदी सरकार को इस बात के लिए ह्रदय से बधाई देना चाहता हूँ कि उसने अपनी सही सोच को उजागर करने वाला ऐसा फैसला किया है जिसे स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात किसी भूतपूर्व सरकार ने नहीं किया. उसने ऐसा फैसला करके ये साबित कर दिया है कि वो देश के सभी किसानों की आय वास्तव में दुगना करना चाहती है. जमाखोरी के विरुद्ध 1955 में बना आवश्यक वस्तु अधिनियम उस समय का है जब देश में खाद्द्यान के लाले पड़े हुए थे. वो समय याद करिये जब अन्न भण्डारण की जगह नहीं रह गई थी और वो खुले आकाश के नीचे सड़ रहा था. तब सर्वोच्च न्यायालय ने ये सुझाव दिया था कि जब सरकार अनाज रख नहीं पा रही है तो देश के गरीबों को मुफ्त क्यों नहीं दे देती? जो अनुबंध खेती का विरोध कर रहे हैं उन्हें बताना चाहिए कि आखिर बटाई पर खेती क्या है? वो बिना बिक्री व्यवस्थित कानूनी आधार पर की जा रही है. अनुबंध खेती का विरोध हास्याद्पद नहीं है. जो कह रहे हैं कि ये क्या कानून बना दिया वे असलियत में घातकवाद कर रहे हैं. किसी भी वस्तु का मूल्य उसकी गुणवत्ता पर ही तय किया जा सकता है. यदि छोटे किसानों की फसल पर बारिश पड़ने के कारण उसकी गुणवत्...

किसानो के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता

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21वीं सदी में भारत का किसान बंधनों में नहीं, खुलकर खेती करेगा तथा 21वीं सदी का किसान जहाँ मन किया वहां फसल बेचेगा और ज्यादा पैसा मिले वहां पर फसल बेचेगा. कोई बंधन नहीं वो स्वतंत्र है. विपक्ष द्वारा किसानों को सरकार के खिलाफ करने की साजिश 1.       1.      बड़े कार्पोरेट का लाभ तथा किसान का नुकसान 2.       2.      किसान की जमीन पूंजीपतियों को दी जाएगी 3.       3.      बड़ी कम्पनियां कॉन्ट्रैक्ट के नाम पर किसानों का शोषण करेंगी 4.       4.      कृषि बिल किसान विरोधी है 5.       5.      अब मंडियों को समाप्त कर दिया जायेगा 6.       6.      किसानो को समर्थन मूल्य न देने के लिए कृषि बिल गहरी साजिश है सरकार किसानों का हित साध कर उनकी आय दुगनी करना चाहती है 1.       1.     कई राज्यों में किसान सफलता पूर्वक बड़े कॉर्पोरेटों के साथ गन्ने, कपास, चाय, काफ़ी जैसे उत्पादों का उत्पादन कर...