किसानो के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता



21वीं सदी में भारत का किसान बंधनों में नहीं, खुलकर खेती करेगा तथा 21वीं सदी का किसान जहाँ मन किया वहां फसल बेचेगा और ज्यादा पैसा मिले वहां पर फसल बेचेगा. कोई बंधन नहीं वो स्वतंत्र है.

विपक्ष द्वारा किसानों को सरकार के खिलाफ करने की साजिश

1.      1.    बड़े कार्पोरेट का लाभ तथा किसान का नुकसान

2.      2.    किसान की जमीन पूंजीपतियों को दी जाएगी

3.      3.    बड़ी कम्पनियां कॉन्ट्रैक्ट के नाम पर किसानों का शोषण करेंगी

4.      4.    कृषि बिल किसान विरोधी है

5.      5.    अब मंडियों को समाप्त कर दिया जायेगा

6.      6.    किसानो को समर्थन मूल्य न देने के लिए कृषि बिल गहरी साजिश है

सरकार किसानों का हित साध कर उनकी आय दुगनी करना चाहती है

1.      1.    कई राज्यों में किसान सफलता पूर्वक बड़े कॉर्पोरेटों के साथ गन्ने, कपास, चाय, काफ़ी जैसे उत्पादों का उत्पादन कर रहे हैं. अब छोटे किसानों को होगा बड़ा फायदा. उनको गारंटीड मुनाफे के साथ मिलेगा टेक्नोलॉजी और उपकरणों का फायदा

2.      2.    बिल में साफ़ बताया गया है कि किसानों की जमीन की बिक्री, लीज़ और गिरवी रखना पूरी तरह से अब किया जा रहा है. करार केवल फसलों का होगा ज़मीन का नहीं.

3.      3.    करार में किसानों को निर्धारित राय पाने की गांरंटी मिलेगी लेकिन किसान को किसी करार में बाँधा नहीं जा सकेगा. किसान किसी भी मोड़ पर करार में शर्तें करने के लिए स्वतंत्र होगा.

Comments

Popular posts from this blog

Teachings of “Swami Vivekananda”

NIOS: हाई स्कूल परीक्षा में गणित का अनिवार्य न होना

960 Foreigners Registered In Black-List