राजनीति में नए, योग्य तथा ईमानदार लोगों का प्रवेश सुनिश्चित करना

 


मैं अपने लम्बे अनुभव के आधार पर ये कहना चाहता हूँ कि देश हित में अबतक के सभी राजनीतिज्ञों को राजनीति से बाहर निकालना है. इसका मुख्य आधार है महाराष्ट्र राज्य की अराजकता को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अन्य किसी नेताओं द्वारा तवज्जो न देना तथा महाराष्ट्र राज्य को सबसे अधिक शक्तिशाली बताना क्योंकि एक सच्चे पत्रकार अर्नब गोस्वामी को बिना कारण मारते हुए जेल ले जाना तथा महाराष्ट्र हाई कोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार करना.

अब प्रतिदिन रिपब्लिक भारत के हर छोटे-बड़े अधिकारी को चेहरा छुपाकर बिना कारण अलग-अलग जेलों में लम्बे समय तक डाला जा रहा है ताकि अर्नब गोस्वामी ने जो पालघर, सुशांत सिंह तथा दिशा सालियान हत्याकांड आदि के लिए महाराष्ट्र सरकार तथा महाराष्ट्र पुलिस का पर्दा फाश किया है उसे छुपाया जा सके. बड़े दुख की बात है कि अर्नब की गिरफ्तारी पर देश तथा विदेश से करोडो लोग उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं देश के कई गणमान्य व्यक्ति देश के राष्ट्रपति से तथा महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन सबका नतीजा ढाक के तीन पात हैं.

मैं अपने ब्लॉग के पढ़ने वाले भाईयों तथा बहनों से हाथ जोड़कर विनती करना चाहता हूँ कि वे सभी रिपब्लिक भारत के अधिकारियों से निवेदन करें कि वे अर्नब गोस्वामी को समझा कर एक नयी राजीनीतिक पार्टी गठन करने का सुझाव दें क्योंकि महाराष्ट्र सरकार का सिर नयी राजनितिक पार्टी का गठन करके ही नीचा किया जा सकता है.

अंत में अब देश की निगाहें भारत के उच्चतम न्यायलय पर ही टिकी हैं तथा मुझे पूरा भरोसा है कि कल अपनी सुनवाई में वहां के सच्चे न्यायाधीश अर्नब को जमानत देकर महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने का आदेश भी दे सकते हैं क्योंकि जब उच्चतम न्यायलय देखे कि देश के महामहिम राष्ट्रपति से भी न्याय मिलने में देरी हो रही हो तो देश का दुखी जनमानस उच्चतम न्यायलय से ही प्रार्थना कर सकता है.

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