भारत देश के उच्चतम न्यायालय द्वारा देशहित में सराहनीय तथा त्वरित कदम
जेल से रिहाई के फ़ौरन बाद रिपब्लिक भारत के एडिटर-इन-चीफ अर्नब
गोस्वामी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करके देशवासियों को चौका दिया है. यह महत्वपूर्ण
घोषणा करके वो पूरे भारत के देशवासियों को ये बताना चाहते हैं कि वो पूरे
देशवासियों से एक जैसा प्यार करते हैं. यह घोषणा है; रिपब्लिक भारत चैनल को हर
भाषा का चैनल बनाना. यह कार्य करके वो स्वम् ही सारे देश में इतने महत्वपूर्ण हो
जायेंगे कि देश का हर नागरिक उन्हें अपना सगा ही समझेगा. इससे यह लाभ होगा कि मेरे
द्वारा दिया गया सुझाव् अगर उनके द्वारा मान लिया जाता है तो देश का हर व्यक्ति
यही चाहेगा कि ऐसा सनातन धर्मी, सच्चा तथा स्पष्ट वक्ता व्यक्ति ही देश का सच्चा
प्रधानमंत्री बन सकता है.
मैं अपने उच्चतम न्यायलय को बिना बधाई दिये नहीं रह सकता क्योंकि
उसने एक ऐसा कारनामा करके इतने शीघ्र देश को बता दिया है कि चाहे राज्य के उच्च
न्यायालय अपनी जिम्मेदारियों से भाग खड़े हुए हों लेकिन देश का उच्चतम न्यायालय अभी
भी देश के संविधान द्वारा प्रदत्त जिम्मेदारी को निभाने में सक्षम है. सभी देशवासियों
को भलीभांति ज्ञात है कि कैसे महाराष्ट्र सरकार तथा वहां का पुलिस तंत्र सच बोलने
पर भारत के एक प्रसिद्द चैनल रिपब्लिक भारत के सभी कर्मचारियों तथा अधिकारीयों के
पीछे पड़ा हुआ है. कैसे एक दिन सुबह-सुबह बिना पूर्व सूचना के आतंकवादियों को
गिरफ्तार करने जैसा कृत्य करके पुलिस उन्हें मारते हुए ले गयी.
मुझे इस बात का अफ़सोस है कि सभी जगह गुहार लगाने पर न प्रदेश के
राज्यपाल ने न देश के राष्ट्रपति ने न केंद्र सरकार ने उनके हालात पर विचार किया.
मुझे अच्छी तरह ज्ञात है कि जब मुंबई में महाराष्ट्र नगरपालिका ने कंगना रानौत को
परेशान किया तो देश के गृहमंत्री अमित शाह ने उसे Z+ सुरक्षा प्रदान कर दी. लेकिन ऐसा
नेक कार्य अर्नब गोस्वामी के मामले में क्यों नहीं किया गया. हमारे देशवासियों को
भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का आपातकाल याद है उसके लगाने के बाद 1977 के
चुनाव में इंदिरा गाँधी का क्या हाल हुआ था आप सभी इससे परिचित हैं. मैं जानता हूँ
कि शिवसेना, कांग्रेस तथा शरद पवार की राष्ट्र्वादी कांग्रेस का यही हाल अगले
विधानसभा चुनाव में होने वाला है.
देशवासियों को ज्ञात है कि कांगेस राज्य के घोटालों के ही कारण
कांग्रेस चुनाव हारी थी तथा 10 वर्ष के शासन के बाद भारतीय जनता पार्टी शासन में
आई थी. इस समय देश के ये हालात हैं कि नरेन्द्र मोदी जी देश के सबसे चहेते
प्रधानमंत्री हैं लेकिन अर्नब के केस में वो शायद जरुरी कदम नहीं उठा सके. मैं खुले
तौर पर ये कहना चाहता हूँ कि केंद्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र की पुलिस को काबू में
लाना उनका नैतिक कर्तव्य है. केंद्र सरकार द्वारा महराष्ट्र के मामले में उचित
निर्णय न लेना उनके खिलाफ ही जायेगा. मुझे लगता है कि देश की जनता अगले लोकसभा
चुनावों में भाजपा के साथ-साथ अर्नब गोस्वामी द्वारा बनायी गयी राजनीतिक पार्टी को
भी तवज्जो देगी. मैं एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री तथा राष्ट्रपति जी
से विनती करना चाहता हूँ कि अर्नब गोस्वामी को Z+ की सुरक्षा प्रदान करें क्योंकि
महाराष्ट्र सरकार तथा महाराष्ट्र पुलिस के इरादे नेक नहीं हैं. सर्वप्रथम प्रधानमंत्री
को DOPD को कहकर परमबीर सिंह का ट्रान्सफर महाराष्ट्र के अलावा किसी अन्य राज्य
में कर देना चाहिए तथा इसके आगे महाराष्ट्र के लिए कई अतिआवश्यक उचित कदम उठाने
होंगे.
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